केंद्रीय मंत्री श्री वैष्णव ने इस बात पर जोर दिया कि उपनगरीय सेवाओं को बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास आधारशिला है। लगभग ₹17,000 करोड़ की लागत वाली परियोजनाएँ, जो 300 किलोमीटर से अधिक नई लाइनों को कवर करती हैं, वर्तमान में तीव्र गति से चल रही हैं। इन पहलों का उद्देश्य मौजूदा लाइनों पर भीड़भाड़ कम करना, सेवा आवृत्ति में सुधार करना और मुंबई के उपनगरीय यात्रियों की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करना है।
बातचीत के दौरान एक प्रमुख घोषणा गोंदिया-बल्लारशाह रेलवे लाइन का दोहरीकरण थी, जो ₹4,819 करोड़ के निवेश से 240 किलोमीटर का रणनीतिक गलियारा है। यह प्रमुख परियोजना विदर्भ और मराठवाड़ा को जोड़ती है, जिससे भीड़भाड़ कम होगी और यात्री और माल ढुलाई में तेज़ी आएगी। यह आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ महाराष्ट्र के रेल संपर्क को भी मज़बूत करेगा, जिससे क्षेत्रीय व्यापार और एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
इस प्रमुख बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने की घोषणा 7 अप्रैल, 2025 को की गई थी, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 18,658 करोड़ रुपये (लगभग) की कुल लागत वाली रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं को मंज़ूरी दी थी।
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