भारत के 5 सबसे पुराने गोल्ड ETF: क्या इनकी लॉन्ग टर्म रिटर्न्स फिजिकल गोल्ड से बेहतर हैं? | Hum Hindustani

क्या EFT की  लॉन्ग टर्म रिटर्न्स फिजिकल गोल्ड से बेहतर हैं

गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) भारत में निवेशकों के लिए सोने में निवेश का एक आधुनिक, सुविधाजनक और पारदर्शी तरीका बन गया है। पारंपरिक रूप से भारतीय निवेशक फिजिकल गोल्ड (ज्वेलरी, सिक्के या बार) में निवेश करते आए हैं, लेकिन पिछले डेढ़ दशक में गोल्ड ETF ने निवेश की दुनिया में एक नई क्रांति लाई है। सवाल यह है कि क्या गोल्ड ETF ने लॉन्ग टर्म में फिजिकल गोल्ड जितना या उससे बेहतर रिटर्न दिया है? आइए जानते हैं भारत के 5 सबसे पुराने गोल्ड ETF के प्रदर्शन और फिजिकल गोल्ड से तुलना के बारे में विस्तार से।

गोल्ड ETF क्या है?

गोल्ड ETF एक तरह का म्यूचुअल फंड है, जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है और इसका मूल्य सोने की कीमत से जुड़ा होता है। इसमें निवेशक बिना फिजिकल गोल्ड खरीदे या स्टोर किए, डिजिटल रूप में सोने में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ETF की हर यूनिट आमतौर पर 1 ग्राम या उसके अंश के बराबर होती है और फंड हाउस इसे 99.5% शुद्धता वाले सोने से बैक करता है।
गोल्ड ETF के मुख्य लाभ हैं – उच्च लिक्विडिटी, स्टोरेज/सेफ्टी की चिंता नहीं, मेकिंग चार्ज या प्यूरीटी की समस्या नहीं, और टैक्सेशन में भी कुछ फायदे।

भारत के 5 सबसे पुराने गोल्ड ETF

भारत में गोल्ड ETF की शुरुआत 2007 में हुई थी। आज देश में 17 से अधिक गोल्ड ETF उपलब्ध हैं, लेकिन सबसे पुराने और लोकप्रिय 5 ETF निम्नलिखित हैं:

  • निप्पॉन इंडिया ETF गोल्ड BeES (Nippon India ETF Gold BeES)
  • एचडीएफसी गोल्ड ETF (HDFC Gold ETF)
  • कोटक गोल्ड ETF (Kotak Gold ETF)
  • आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ETF (ICICI Prudential Gold ETF)
  • इन्वेस्को इंडिया गोल्ड ETF (Invesco India Gold ETF)

इन गोल्ड ETF का लॉन्ग टर्म प्रदर्शन

आइए इन पांचों गोल्ड ETF के 1, 5 और 10 साल के वार्षिक (एन्युअलाइज्ड) रिटर्न्स पर नजर डालते हैं (डेटा: नवंबर 2023 तक) :

ETF 1 साल 5 साल 10 साल
निप्पॉन इंडिया गोल्ड BeES 19.51% 12.71% 6.58%
एचडीएफसी गोल्ड ETF 19.77% 12.75% 6.64%
कोटक गोल्ड ETF 19.76% 12.91% 6.60%
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल गोल्ड ETF 19.80% 12.80% 6.50%
इन्वेस्को इंडिया गोल्ड ETF 20.39% 13.12% 6.72%

पिछले 5 वर्षों में इन सभी गोल्ड ETF ने लगभग 12.7% से 13.1% तक वार्षिक रिटर्न दिया है, जबकि 10 साल में यह रिटर्न 6.5% से 6.7% के बीच रहा है।

फिजिकल गोल्ड के लॉन्ग टर्म रिटर्न्स

इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में फिजिकल गोल्ड ने लगभग 12% सालाना रिटर्न दिया है, जबकि 15 वर्षों में यह रिटर्न 9-10% सालाना रहा है। यह रिटर्न गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी पर आधारित है, लेकिन इसमें ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज, प्यूरीटी, स्टोरेज और रिसेल वैल्यू जैसी समस्याएं शामिल नहीं होतीं।

गोल्ड ETF बनाम फिजिकल गोल्ड: तुलना

पैरामीटर गोल्ड ETF फिजिकल गोल्ड
रिटर्न 10 साल में 6.5-6.7%, 5 साल में 12.7-13.1% 10 साल में ~12%, 15 साल में ~9-10%
लिक्विडिटी बहुत अधिक (स्टॉक मार्केट में तुरंत खरीद-बिक्री) सीमित (ज्वेलर या गोल्ड लोन कंपनी के माध्यम से)
स्टोरेज/सेफ्टी कोई चिंता नहीं रिस्क, लॉकर चार्जेस
मेकिंग चार्ज/प्यूरीटी नहीं ज्वेलरी में 10-25% तक मेकिंग चार्ज, प्यूरीटी का रिस्क
टैक्सेशन 3 साल से ज्यादा होल्डिंग पर LTCG (20% + इंडेक्सेशन) समान, लेकिन कंप्लायंस और वैल्यूएशन में दिक्कत
ट्रांसपेरेंसी हाई (NAV, पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर) कम

निष्कर्ष: रिटर्न्स के मामले में, गोल्ड ETF और फिजिकल गोल्ड में बहुत बड़ा अंतर नहीं है। हालांकि, गोल्ड ETF में एक्सपेंस रेशियो (0.3-1%) के कारण रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन इसमें लिक्विडिटी, टैक्सेशन, ट्रांसपेरेंसी और सेफ्टी के मामले में कई फायदे हैं।

गोल्ड ETF के फायदे

  • कोई स्टोरेज या चोरी का रिस्क नहीं
  • मेकिंग चार्ज या प्यूरीटी की चिंता नहीं
  • स्टॉक एक्सचेंज पर कभी भी खरीद-बिक्री
  • कम ट्रांजैक्शन कॉस्ट
  • टैक्सेशन में इंडेक्सेशन का लाभ
  • पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन के लिए उपयुक्त

फिजिकल गोल्ड के फायदे

  • सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व
  • शादी, गिफ्टिंग या व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपयुक्त
  • कठिन समय में तात्कालिक लिक्विडिटी (गोल्ड लोन आदि)

निवेशकों के लिए सलाह

अगर आपका उद्देश्य सिर्फ रिटर्न्स, लिक्विडिटी और सेफ्टी है तो गोल्ड ETF आपके लिए बेहतर विकल्प है। अगर आप गोल्ड को गहनों, गिफ्ट या पारिवारिक परंपरा के लिए खरीदना चाहते हैं तो फिजिकल गोल्ड ही चुनें। फाइनेंशियल प्लानर्स आमतौर पर पोर्टफोलियो का 5-10% हिस्सा गोल्ड में रखने की सलाह देते हैं, जिसमें से अधिकांश हिस्सा डिजिटल विकल्पों (ETF, गोल्ड फंड) में हो तो बेहतर है।

भारत के 5 सबसे पुराने गोल्ड ETF ने लॉन्ग टर्म में लगभग फिजिकल गोल्ड जितना ही रिटर्न दिया है, जबकि पिछले 5 सालों में इनका प्रदर्शन और भी बेहतर रहा है। हालांकि, 10-15 साल के समय में गोल्ड ETF के रिटर्न्स एक्सपेंस रेशियो के कारण थोड़ा कम हो सकते हैं, लेकिन ऑपरेशनल, टैक्स और लिक्विडिटी के मामले में ये फिजिकल गोल्ड से कहीं ज्यादा सुविधाजनक हैं।
निवेश से पहले अपने उद्देश्य, जरूरत और भावनात्मक पहलुओं को जरूर समझें। गोल्ड ETF आधुनिक निवेशकों के लिए एक स्मार्ट, सुरक्षित और पारदर्शी विकल्प है, जो पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन और लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन में मददगार है।

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