इमरान हाशमी की 'ग्राउंड जीरो': श्रीनगर में 38 सालों बाद रेड कार्पेट स्क्रीनिंग वाली पहली फिल्म बनी | Hum Hindustani

'ग्राउंड जीरो': श्रीनगर में 38 सालों बाद रेड कार्पेट स्क्रीनिंग वाली पहली फिल्म बनी

बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी की आने वाली फिल्म 'ग्राउंड जीरो' ने इतिहास रच दिया है। यह फिल्म श्रीनगर में 38 सालों बाद रेड कार्पेट स्क्रीनिंग वाली पहली फिल्म बन गई है। यह घटना न केवल फिल्म के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कश्मीर घाटी में फिल्म उद्योग के पुनरुत्थान का भी प्रतीक है। यह रेड कार्पेट स्क्रीनिंग श्रीनगर के INOX थिएटर में आयोजित की गई, जिसमें फिल्म की पूरी टीम और कई स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

'ग्राउंड जीरो' - कहानी और विषय

'ग्राउंड जीरो' एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है, जो कश्मीर की पृष्ठभूमि पर आधारित है। फिल्म में इमरान हाशमी एक विशेष बल के अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं, जो एक खतरनाक मिशन पर कश्मीर घाटी में प्रवेश करते हैं। फिल्म आतंकवाद, देशभक्ति और मानवीय संवेदनाओं के जटिल मुद्दों को छूती है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे कश्मीर में सामान्य जीवन आतंकवाद से प्रभावित है, और कैसे वहां के लोग अपनी जिंदगी जीने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 'ग्राउंड जीरो' दर्शकों को बांधे रखने वाली एक रोमांचक और भावनात्मक कहानी का वादा करती है।

श्रीनगर में रेड कार्पेट स्क्रीनिंग का महत्व

श्रीनगर में 'ग्राउंड जीरो' की रेड कार्पेट स्क्रीनिंग 38 सालों बाद हुई है, जो कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक घटना है। 1980 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने के कारण सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया था, जिससे फिल्म उद्योग पूरी तरह से ठप हो गया था। पिछले कुछ सालों में, सरकार और स्थानीय प्रशासन ने सिनेमाघरों को फिर से खोलने और फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए हैं। 'ग्राउंड जीरो' की स्क्रीनिंग इन प्रयासों का परिणाम है और यह दिखाती है कि कश्मीर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है।

इमरान हाशमी का अनुभव और प्रतिक्रिया

इमरान हाशमी ने श्रीनगर में फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर अपनी खुशी और उत्साह व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक विशेष अनुभव है और वे कश्मीर के लोगों के प्यार और समर्थन से अभिभूत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 'ग्राउंड जीरो' कश्मीर की कहानी को ईमानदारी से बताने का एक प्रयास है और उन्हें उम्मीद है कि यह फिल्म लोगों को पसंद आएगी। इमरान ने कश्मीर के लोगों की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की और कहा कि वे इस खूबसूरत जगह पर बार-बार आना चाहेंगे।

स्थानीय लोगों और फिल्म उद्योग की प्रतिक्रिया

'ग्राउंड जीरो' की स्क्रीनिंग को लेकर श्रीनगर के लोगों में काफी उत्साह है। स्थानीय लोगों ने कहा कि वे लंबे समय से इस तरह की घटना का इंतजार कर रहे थे और यह उनके लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। उन्होंने फिल्म की टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि यह फिल्म कश्मीर की छवि को सुधारने में मदद करेगी। फिल्म उद्योग के लोगों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि यह कश्मीर में फिल्म निर्माण के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

फिल्म के कलाकार और क्रू

'ग्राउंड जीरो' में इमरान हाशमी के अलावा सैयामी खेर, जोया हुसैन और आशीष विद्यार्थी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। फिल्म का निर्देशन तेजस देवस्कर ने किया है और इसे जियो स्टूडियोज और एक्सेल एंटरटेनमेंट ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म का संगीत सचिन-जिगर ने दिया है, और इसके गीत कुमार ने लिखे हैं।

कश्मीर में फिल्म उद्योग का पुनरुत्थान

'ग्राउंड जीरो' की स्क्रीनिंग कश्मीर में फिल्म उद्योग के पुनरुत्थान का प्रतीक है। पिछले कुछ सालों में, कश्मीर सरकार ने फिल्म निर्माताओं को घाटी में शूटिंग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतियां बनाई हैं। सरकार ने फिल्म निर्माताओं को सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन प्रदान किए हैं, जिससे कश्मीर में फिल्म निर्माण की लागत कम हुई है। इसके अलावा, सरकार ने फिल्म शूटिंग के लिए आवश्यक सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को भी बेहतर बनाया है। इन प्रयासों के कारण, कश्मीर में फिल्म निर्माण की संख्या में वृद्धि हुई है और कई बड़ी बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग कश्मीर में हुई है।

'ग्राउंड जीरो' से उम्मीदें

'ग्राउंड जीरो' से दर्शकों को काफी उम्मीदें हैं। यह फिल्म एक रोमांचक कहानी, दमदार अभिनय और कश्मीर की खूबसूरत लोकेशंस का वादा करती है। फिल्म के ट्रेलर और गानों को भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है, जिससे दर्शकों की उम्मीदें और बढ़ गई हैं। 'ग्राउंड जीरो' 2025 की बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है और यह बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा सकती है। यह फिल्म कश्मीर की छवि को सुधारने और वहां पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकती है।

इमरान हाशमी की 'ग्राउंड जीरो' न केवल एक फिल्म है, बल्कि यह कश्मीर के लिए एक उम्मीद की किरण भी है। यह फिल्म दिखाती है कि कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति लौट रही है और वहां फिल्म उद्योग का पुनरुत्थान हो रहा है। 'ग्राउंड जीरो' की सफलता कश्मीर के लोगों के लिए एक प्रेरणा होगी और यह उन्हें अपने भविष्य के बारे में सकारात्मक सोचने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह फिल्म भारत और कश्मीर के बीच एक मजबूत संबंध बनाने में भी मदद करेगी।

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