अमेरिका के टैरिफ़ निर्णय से भारत-यूएई व्यापार संबंधों को मिलेगा नया अवसर | Hum Hindustani

India-UAE trade relations
Hum Hindustani: हाल ही में अमेरिका द्वारा घोषित टैरिफ़ नीतियों ने वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव डाला है। हालांकि, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के संसद सदस्य अली राशिद अल नुऐमी ने इसे भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा है। उनका मानना है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में दोनों देशों को अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।

अमेरिका की टैरिफ़ नीति और उसका प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ़ बढ़ाकर 125% कर दिया है, जबकि भारत से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ़ 10% रखा गया है। इसके अलावा, अमेरिका ने कई देशों के साथ पारस्परिक टैरिफ़ को अस्थायी रूप से रोक दिया है, जिसमें भारत भी शामिल है । यह निर्णय वैश्विक व्यापार में अस्थिरता पैदा कर रहा है, लेकिन भारत के लिए यह एक रणनीतिक अवसर भी प्रस्तुत करता है।

भारत-यूएई व्यापार संबंधों की वर्तमान स्थिति

भारत और यूएई के बीच लंबे समय से मजबूत व्यापारिक संबंध हैं। दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस समझौते के तहत, दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा, और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है।

अली राशिद अल नुऐमी का दृष्टिकोण

यूएई के संसद सदस्य अली राशिद अल नुऐमी ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा, "यह (अमेरिका का टैरिफ़ निर्णय) हमारे दोनों देशों के संबंधों के लिए एक अवसर लेकर आया है। हमें इस चुनौती को अवसर में बदलने का प्रयास करना चाहिए।" उनका मानना है कि यूएई और भारत को इस समय का उपयोग अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए करना चाहिए।

भारत के लिए संभावित अवसर

  • निर्यात में वृद्धि: अमेरिका के टैरिफ़ निर्णय के बाद, भारत के लिए यूएई जैसे बाजारों में अपने उत्पादों का निर्यात बढ़ाने का अवसर है।
  • आर्थिक सहयोग: दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और गहरा किया जा सकता है, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।
  • नई व्यापारिक साझेदारियाँ: इस समय का उपयोग करके, भारत और यूएई नई व्यापारिक साझेदारियाँ स्थापित कर सकते हैं, जो दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेंगी।

  • निष्कर्ष

    अमेरिका के टैरिफ़ निर्णय ने वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता पैदा की है, लेकिन भारत और यूएई के लिए यह एक अवसर भी है। दोनों देशों को इस समय का उपयोग अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए करना चाहिए। अली राशिद अल नुऐमी का दृष्टिकोण इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, और यदि दोनों देश मिलकर काम करें, तो यह संबंध और भी मजबूत हो सकते हैं।

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