Indian Navy chief Admiral Dinesh K Tripathi is on an official visit to Tanzania from 12-16 April. The visit aims to strengthen maritime cooperation and strategic ties between India and Tanzania, underscoring India’s commitment to enhancing defence partnerships in the Indian…
— ANI (@ANI) April 12, 2025
भारत-तंजानिया रक्षा संबंधों की पृष्ठभूमि
भारत और तंजानिया के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध प्राचीन काल से ही रहे हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी समय के साथ विकसित हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में समुद्री सुरक्षा, संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और रक्षा हार्डवेयर की आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिला है।तंजानिया अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है, जिसकी हिंद महासागर में लंबी तटरेखा है। यह क्षेत्र भारत के लिए न केवल व्यापारिक दृष्टि से बल्कि समुद्री सुरक्षा, पायरेसी नियंत्रण, आतंकवाद रोधी प्रयासों और मानवीय सहायता व आपदा राहत (HADR) अभियानों के संदर्भ में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
एडमिरल त्रिपाठी की यात्रा के प्रमुख उद्देश्य
एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और तंजानिया के बीच रक्षा एवं समुद्री सहयोग को और प्रगाढ़ बनाना है। यात्रा के दौरान वे तंजानिया की राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व से मुलाकात करेंगे, जिसमें रणनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श और भविष्य की साझेदारी को लेकर चर्चाएं की जाएंगी।इस यात्रा में एक ऐतिहासिक पहल यह है कि भारत और तंजानिया संयुक्त रूप से पहली बार "अफ्रीका इंडिया की मारीटाइम एंगेजमेंट (AIKEYME)" नामक बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास का आयोजन कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत 13 अप्रैल को दार-एस-सलाम में होगी।
AIKEYME अभ्यास: एक नया अध्याय
AIKEYME (Africa India Key Maritime Engagement) नामक इस बहुपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य भारत और अफ्रीकी देशों के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना है। यह अभ्यास भारतीय नौसेना और तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स (TPDF) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास में अफ्रीकी देशों की नौसेनाएं भी भाग लेंगी, जिससे भारत और अफ्रीकी देशों के बीच अंतर-संचालन (interoperability) को बढ़ावा मिलेगा। अभ्यास के अंतर्गत समुद्री सुरक्षा, सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन, एंटी-पायरेसी ऑपरेशन, HADR (मानवीय सहायता और आपदा राहत), और संयुक्त गश्ती जैसी गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाएगा।AIKEYME का महत्व
दार-एस-सलाम: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बंदरगाह
AIKEYME का उद्घाटन तंजानिया के सबसे बड़े शहर और मुख्य बंदरगाह दार-एस-सलाम में किया जाएगा। यह बंदरगाह भारत-अफ्रीका समुद्री व्यापार और रक्षा सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है। तंजानिया सरकार द्वारा बंदरगाह के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें भारत की भी भूमिका है।समुद्री प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग
भारत तंजानिया को नौसैनिक प्रशिक्षण, तकनीकी विशेषज्ञता, और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति के माध्यम से सहायता प्रदान कर रहा है। एडमिरल त्रिपाठी की इस यात्रा में नए प्रशिक्षण समझौतों और तकनीकी सहयोग की घोषणाएं भी संभव हैं।भारतीय नौसेना की सक्रिय भूमिका
भारतीय नौसेना पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर अधिक सक्रिय हो गई है। हाल ही में अदन की खाड़ी, लाल सागर और मलक्का जलडमरूमध्य में भारतीय नौसेना की उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह न केवल राष्ट्रीय हितों की रक्षा में बल्कि वैश्विक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अग्रणी है।कूटनीतिक संदेश
एडमिरल त्रिपाठी की तंजानिया यात्रा और AIKEYME अभ्यास एक स्पष्ट कूटनीतिक संदेश भी देता है – कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में एक विश्वसनीय, स्थायी और प्रतिबद्ध साझेदार है। भारत न केवल सहयोग चाहता है, बल्कि समानता और परस्पर हितों के आधार पर साझेदारी को बढ़ावा देना चाहता है।निष्कर्ष
तंजानिया यात्रा पर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की उपस्थिति, भारत और अफ्रीकी देशों के साथ समुद्री और सामरिक संबंधों में एक नए युग की शुरुआत है। यह यात्रा जहां एक ओर भारत की समुद्री शक्ति और कूटनीतिक दृष्टिकोण को उजागर करती है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक मंच पर भारत की सक्रियता और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण भी है।AIKEYME अभ्यास न केवल एक सैन्य अभ्यास है, बल्कि यह वैश्विक दक्षिण-सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और बहुपक्षीय साझेदारी की दिशा में भारत के दृष्टिकोण का प्रतीक है। ऐसे प्रयासों से यह निश्चित होता है कि भारत भविष्य में हिंद महासागर क्षेत्र की शांति, स्थायित्व और समृद्धि में एक प्रमुख भूमिका निभाता रहेगा।
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