एएमसीए: भारत की आत्मनिर्भर रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
एएमसीए परियोजना भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस परियोजना का उद्देश्य एक उन्नत स्टेल्थ लड़ाकू विमान विकसित करना है जो आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को पूरा कर सके। डॉ. कामत के अनुसार, दुनिया में किसी भी नए प्लेटफॉर्म के विकास में 10 से 15 वर्ष का समय लगता है, और भारत ने इस यात्रा की शुरुआत 2024 में की है। इसलिए, 2035 तक इस मंच को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।एयरो इंजन विकास में विदेशी सहयोग की आवश्यकता
एयरो इंजन तकनीक अत्यंत जटिल और चुनौतीपूर्ण है। कावेरी इंजन परियोजना से मिली सीख के बावजूद, भारत को इस क्षेत्र में विदेशी सहयोग की आवश्यकता है। डॉ. कामत ने बताया कि वर्तमान में इंजन तकनीक छठी पीढ़ी तक पहुंच चुकी है, जबकि कावेरी इंजन चौथी पीढ़ी का था। इसलिए, विदेशी OEM के साथ सहयोग करके विकास के जोखिम को कम करना और समय की बचत करना संभव होगा।भविष्य की योजनाएं और अपेक्षाएं
डॉ. कामत ने उम्मीद जताई है कि आने वाले महीनों में इस सहयोग के संबंध में कुछ सकारात्मक समाचार मिल सकते हैं। एएमसीए परियोजना और एयरो इंजन विकास में विदेशी सहयोग भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने में मदद करेगा।एएमसीए परियोजना भारत की रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस परियोजना की सफलता के लिए विदेशी सहयोग और तकनीकी नवाचार आवश्यक होंगे। 2035 तक इस मंच को तैयार करने का लक्ष्य भारत को वैश्विक रक्षा मंच पर एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा।
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