मलयालम फिल्म 'मरणमास' पर खाड़ी देशों में LGBTQIA+ कलाकार की मौजूदगी के कारण प्रतिबंध
Hum Hindustani: मलयालम सिनेमा की बहुप्रतीक्षित डार्क कॉमेडी थ्रिलर 'मरणमास', जिसे नवोदित निर्देशक शिवप्रसाद ने निर्देशित किया है और जिसमें बासिल जोसेफ मुख्य भूमिका में हैं, को सऊदी अरब में प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस प्रतिबंध का कारण फिल्म में एक LGBTQIA+ कलाकार की उपस्थिति बताई गई है। वहीं, कुवैत में भी फिल्म को रिलीज़ करने के लिए कुछ दृश्यों को हटाने की शर्त रखी गई है।सऊदी अरब में पूर्ण प्रतिबंध
सऊदी अरब के सेंसर बोर्ड ने फिल्म में एक ट्रांसजेंडर पात्र की उपस्थिति के कारण इसे अस्वीकार्य घोषित किया है। निर्देशक शिवप्रसाद ने बताया, "हमें सऊदी सेंसर बोर्ड से जानकारी मिली है कि फिल्म में ट्रांसजेंडर कलाकार होने के कारण इसे वहां रिलीज़ नहीं किया जा सकता।" यह निर्णय सऊदी अरब की LGBTQIA+ विषयों पर सख्त नीति को दर्शाता है, जहां इस प्रकार की सामग्री पर पहले भी कई फिल्मों को प्रतिबंधित किया जा चुका है।कुवैत में सेंसरशिप के बाद रिलीज़
कुवैत में, फिल्म को रिलीज़ करने के लिए अधिकारियों ने उन दृश्यों को हटाने की मांग की है जिनमें LGBTQIA+ कलाकार शामिल हैं। निर्माताओं ने इस मांग को स्वीकार करते हुए आवश्यक संपादन किए हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, "कुवैत में 'मरणमास' देखने वाले दर्शकों से निवेदन है कि सेंसरशिप कानूनों के कारण फिल्म के पहले और दूसरे भाग के कुछ दृश्य हटाने पड़े हैं। हम आशा करते हैं कि यह संपादन आपकी फिल्म देखने की अनुभूति को प्रभावित नहीं करेगा। कृपया सिनेमाघरों में आकर फिल्म का आनंद लें।"निर्देशक का दृष्टिकोण
निर्देशक शिवप्रसाद ने कास्टिंग के दौरान कलाकारों के लिंग की परवाह नहीं की और समाज में LGBTQIA+ समुदाय की स्वीकृति को सामान्य बनाने का प्रयास किया। उन्होंने 'द न्यूज़ मिनट' से कहा, "हमने कास्टिंग के समय कलाकारों के लिंग पर ध्यान नहीं दिया। इसके विपरीत, हम समाज में LGBTQIA+ को सामान्य बनाना चाहते थे।"फिल्म की कहानी और रिलीज़
'मरणमास' एक सीरियल किलर की कहानी है, जिसकी ज़िंदगी में विभिन्न पात्रों के आगमन से अप्रत्याशित मोड़ आते हैं, जिनमें एक ट्रांसजेंडर पात्र भी शामिल है। यह फिल्म 10 अप्रैल को रिलीज़ हुई, जो केरल के विशु उत्सव के दौरान अन्य प्रमुख फिल्मों जैसे ममूटी की 'बाज़ूका' और खालिद रहमान की 'अलप्पुझा जिमखाना' के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है। फिल्म में राजेश माधवन, सुरेश कृष्णा, बाबू एंथनी, सिजू सनी और अनीश्मा अनिलकुमार जैसे कलाकार भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।खाड़ी देशों में LGBTQIA+ विषयों पर सेंसरशिप
'मरणमास' पहली फिल्म नहीं है जिसे खाड़ी देशों में LGBTQIA+ विषयों के कारण प्रतिबंधित किया गया है। इससे पहले, 'ओरु जाति जातकं' जैसी फिल्मों को भी इसी कारण से प्रतिबंध का सामना करना पड़ा है। सऊदी अरब और कुवैत जैसे देशों में LGBTQIA+ विषयों पर सख्त सेंसरशिप नीतियां लागू हैं, जिससे कई हॉलीवुड फिल्मों को भी प्रतिबंधित किया गया है।'मरणमास' का प्रतिबंध और सेंसरशिप फिल्म उद्योग में LGBTQIA+ प्रतिनिधित्व के प्रति समाज की स्वीकार्यता पर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म देता है। हालांकि फिल्म को कुछ देशों में प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म समावेशी कहानी कहने की दिशा में एक कदम साबित होगी।
0 टिप्पणियाँ