Hum Hindustani: 11 अप्रैल 2025 की रात, जम्मू-कश्मीर के सुंदरबनी सेक्टर के केरि-बट्टल क्षेत्र में, भारतीय सेना के 9 पंजाब रेजिमेंट के सुबेदार कुलदीप चंद ने एक काउंटर-इंफिल्ट्रेशन ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। यह ऑपरेशन पाकिस्तान से आए आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए चलाया गया था।
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
भारतीय सेना को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि केरि-बट्टल क्षेत्र में आतंकवादी घुसपैठ की योजना बना रहे हैं। इस सूचना के आधार पर सेना ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी और संभावित घुसपैठ मार्गों पर गश्त शुरू कर दी।
11 अप्रैल की रात, सेना की टुकड़ी ने संदिग्ध गतिविधि देखी और तुरंत कार्रवाई की। सुबेदार कुलदीप चंद ने अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए आतंकवादियों का सामना किया। इस मुठभेड़ में उन्होंने अद्वितीय साहस और नेतृत्व का परिचय दिया, जिससे आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश नाकाम हो गई।
वीरता और बलिदान
मुठभेड़ के दौरान, सुबेदार कुलदीप चंद गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनकी वीरता और बलिदान ने न केवल आतंकवादियों की योजना को विफल किया, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की।
भारतीय सेना के व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा:
#GOC #WhiteKnightCorps and all ranks salute the supreme sacrifice of #Braveheart Sub Kuldeep Chand of 9 PUNJAB. He laid down his life while gallantly leading a #CounterInfiltration operation along the #LineofControl in the #Keri-#Battal area of #Sunderbani on the night of 11 Apr… pic.twitter.com/y6MmMcfTN9
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) April 12, 2025
सैन्य संचालन की व्यापकता
इस घटना के साथ-साथ, जम्मू-कश्मीर में अन्य सैन्य ऑपरेशन भी चल रहे हैं। ऑपरेशन 'छत्रु' के तहत किश्तवाड़ में दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया। यह ऑपरेशन चार दिनों से चल रहा है और अब तक तीन आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
इसके अलावा, कठुआ के पंजतीर्थी क्षेत्र में भी सुरक्षा बलों ने एक बड़े तलाशी अभियान की शुरुआत की, जिसमें सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ शामिल थे। इस अभियान में कई संदिग्धों की तलाश की जा रही है और क्षेत्र को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
शहीद को श्रद्धांजलि
सुबेदार कुलदीप चंद का बलिदान राष्ट्र के लिए एक प्रेरणा है। उनका साहस और समर्पण हमें यह सिखाता है कि देश की सुरक्षा के लिए हमारे सैनिक कितनी कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।
हम सभी को उनके बलिदान को स्मरण करते हुए, उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करनी चाहिए और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
निष्कर्ष
सुबेदार कुलदीप चंद ने अपने अद्वितीय साहस और नेतृत्व से न केवल आतंकवादियों की घुसपैठ को रोका, बल्कि अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सुरक्षा सुनिश्चित की। उनका बलिदान हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिक हर दिन हमारे लिए अपने प्राणों की बाजी लगाते हैं। हम उनके इस बलिदान को नमन करते हैं|
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