अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रांत कुमार ने 28 मार्च को बजिंदर को दोषी ठहराए जाने के बाद फैसला सुनाया।
अदालत ने बजिंदर को आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया था, जबकि पांच अन्य - अख़बार भट्टी, राजेश चौधरी, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप पहलवान को बरी कर दिया था।
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